Friday, July 18, 2025

एक सवाल अधूरा सा

कुछ लिखूं तो क्या लिखूं?
शब्दों का हेरफेर है ये,
या मन का कोई वहम मेरा,


कहीं आईना तो नहीं मन का मेरा?
या बीते वो पल हैं
जो दफ़्न पड़े किसी कोने में मेरे,


या कोई परछाई है,
आने वाले कल की? 

— प्रशांत