Saturday, April 24, 2010

उलझन...!!

पल भर पहले ख़ामोशी थी...
और अब एहसास है ख़ुशी का...
इस ख़ुशी का सबब जानते हुए भी मन मेरा उदास है...
ख़ामोशी और ख़ुशी कईं जवाब दे रही है...
और मैं हूँ...
और मैं हूँ कि उलझा रहा,
ख़ुशी और ख़ामोशी में॥