एक पिता!
डरा, सहमा, कहीं खोया सा,
क्यों हूँ मैं आज?
एक माँ जैसा, पिता हूँ,
एक पिता जैसी, माँ हूँ,
फिर ये चेहरे पे शिकन कैसी?
डर कैसा?
इस डर से दोस्ती कर ली है मैंने अब,
बच्चा जो आज फिर, स्कूल गया है मेरा!
- प्रशांत गोयल!
क्यों हूँ मैं आज?
एक माँ जैसा, पिता हूँ,
एक पिता जैसी, माँ हूँ,
फिर ये चेहरे पे शिकन कैसी?
डर कैसा?
इस डर से दोस्ती कर ली है मैंने अब,
बच्चा जो आज फिर, स्कूल गया है मेरा!
- प्रशांत गोयल!