Tuesday, May 17, 2016

रिमझिम बारिश की बूँदें!

उन्मुक्त गगन से, बादलों के आँचल में,
हवा के झूँके का रथ बनाती,
मिट्टी में मिल, सोंधी खुशबू सी महक जाती,
रिमझिम बारिश की बूँदें!

हर्षोल्लास कि बेला बन,
सबके जीवन को छू जाती,
गीत गाते पंछी, नाचता इन्सान,
रिमझिम बारिश की बूँदों में!

बूढ़े किसान का चूल्हा जलाती,
दो जून की रोटी बनाती, जग तृष्णा मिटाती,
जीवन दायनी ये,
रिमझिम बारिश की बूँदें!

जाने कितने दिलो पर है दस्तक देती,
रूठते आशिक़ और मनाती मोहब्बत,
आँखों ही आँखों में बातें होती,
हाथों में हाथ डाल सैर करते,
थोड़ा थोड़ा भीगे से, मन हि मन मुस्कुराये,
रिमझिम बारिश की बूँदों में!

यह संध्याकाळ का अदभुत दृश्य है,
डूबता हुआ सूरज, मंद मंद हवा,
क्षितिज पे चमका ये कैसा इंद्रधनुष है,
रिमझिम बारिश की बूँदों में!

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