खुशियों कि महक हर तरफ से आ रही है,
क्यूंकि हर तरफ कुछ खुशियाँ बह क जा रही है,
मैं किस तरफ हूँ?
हवा का रुख कुछ अलग सा क्यूँ है इधर?
कईं उममीदें, कईं ख्वाब, कुछ मुस्खुअरातें,
हर रोज़ निकलते हैं मेरे दामन से,
और मैं हूँ कि हर पल, हर घडी...
... ज़िन्दगी के इंतज़ार में हूँ!
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